जिंदगी ने एक किरदार दिया हैं ,
जो हमें बिना रुके निभाना हैं।
किरदार अच्छा हैं या बुरा यह नहीं पता हैं ,
कठपुतली बना के यहां भेजा जो गया हैं।
वह निर्देशक बनकर बैठा है,
ओर अभिनय हमें सिखा रहा है।
वो निर्देशन के लिए आर्डर करेगा ,
और हमें उसी वक्त अभिनय करना हैं ।
वो कैमेरा लेकर खड़ा हैं,
जब बोले तब हमें हंसना हैं।
वो हर एक बात पर गोर करेगा ,
उसे हमें बड़ी गहराई से निभाना हैं ।
कभी भी किसी वक्त कोई मोड़ लाता रहेगा ,
और हमें पूरी तरह से तैयार रहना हैं।
वो कहानियां अपनी तरीके से लिखेगा ,
गिर के तो कभी संभल के वही स्क्रिप्ट पे चलना है ।
कभी कभी वो आपको अपने वजूद के लिए वक्त देगा ,
बस उसे बारिकाई से देख कर आगे बढ़ना है ।
जब वो चाहेगा तब वो किरदार बदल भी सकता हैं,
क्योंकि ज़िंदगी हो या कहानी सबकुछ उस के ही हाथ में हैं।
– दिशा पटेल
Great work ??